Sunita gupta

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दैनिक प्रतियोगिता हेतु स्वैच्छिक विषय सांझ

जब सांझ हुई  तब दिन ढल गया ,
फिर दिल मे उनकी आवाज आई।

मंद मंद बहती हवाओं से खुश्बू आई,
कलियों ने कहा मिलन वेला आई। 

पिया परदेश गए न खबरिया आई ,
प्रेम की पाती पढ़ पढ़ कर खुशी लाई।

रात हुई  भुन भुन जुगुनू गुनगुनाएं,
तारे टिमटिमाएं पर तुम न आए।

याद कब तक करूं तेरी तू ये बता जा ,
तनिक आकर प्रेम का मरहम लगा जा।

जब सांझ हुई तब दिन ढल गया ,
फिर दिल में उनकी याद आई ।

सुनीता गुप्ता सरिता कानपुर

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3 Comments

Alka jain

01-Mar-2023 07:09 PM

Nice 👍🏼

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Renu

26-Feb-2023 05:02 PM

👍👍🌺

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बहुत खूब

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