दैनिक प्रतियोगिता हेतु स्वैच्छिक विषय सांझ
जब सांझ हुई तब दिन ढल गया ,
फिर दिल मे उनकी आवाज आई।
मंद मंद बहती हवाओं से खुश्बू आई,
कलियों ने कहा मिलन वेला आई।
पिया परदेश गए न खबरिया आई ,
प्रेम की पाती पढ़ पढ़ कर खुशी लाई।
रात हुई भुन भुन जुगुनू गुनगुनाएं,
तारे टिमटिमाएं पर तुम न आए।
याद कब तक करूं तेरी तू ये बता जा ,
तनिक आकर प्रेम का मरहम लगा जा।
जब सांझ हुई तब दिन ढल गया ,
फिर दिल में उनकी याद आई ।
सुनीता गुप्ता सरिता कानपुर
Alka jain
01-Mar-2023 07:09 PM
Nice 👍🏼
Reply
Renu
26-Feb-2023 05:02 PM
👍👍🌺
Reply
सीताराम साहू 'निर्मल'
24-Feb-2023 02:44 PM
बहुत खूब
Reply